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वो हसीन यादें

कैसे भुला सकुंगी मैं उन यादो को, उन ख्वाबो को, ना खत्म होने वाली उन बातो को। बड़ी तमन्ना के बाद मिली नौकरी एक ­ जगह थी बिरलाग्राम , नागदा बनी कोएड स्कूल मे पीजीटी, साथ मिला फर्निश्ड क्वार्टर। छोटी उम्र मे बड़ी पदवी पाकर, हो गई मैं तो धन्य। प्यार मिला सम्मान मिला, उठते बैठते सलाम मिला। ना परेशानी किसी बात की, ना तनाव किसी गम का, हसीं ख़ुशी के वातावरण मैं, दिन गुजरे पंख लगाके..... और फिर -   समय ने करवट बदला.... देखते देखते धूमिल हुई हसींन यादें।
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सफलता के लिए पर्सनालिटी डेवलपमेंट

  पर्सनालिटी डेवलपमेंट पर काम करने के लिए यह रहें कुछ टिप्स: कम्युनिकेशन स्किल सुधारें: लोगों से बात करते समय उनकी तरफ़ देखें, उनकी बात ध्यान से सुनें, और इसका ध्यान रखें की    आपकी बातों से उनको बुरा ना लगें। बॉडी लैंग्वेज पर ध्यान दें: बैठते, चलते और लोगों से बात करते समय प्रोफेशनल और सम्मानपूर्वक तरीक़े से पेश आएँ। ग्रूमिंग और कपड़ों पर ध्यान दें: ऑफ़िस जाते समय या मीटिंग में साफ़-सुथरे और प्रेस किए हुए कपड़े पहनें और ग्रूमिंग पर समय बिताएँ। अपना व्यवहार सुधारें: आपसे जूनियर हो या सीनियर, छोटा हो या बड़ा, सभी लोगों के साथ अच्छा बर्ताव रखें। अपने सुनने की क्षमता पर काम करें और आदरकारी तरीक़े से पेश आएँ। जीवन में सफल होने के लिए ऐसे तो कई सूत्र हैं लेकिन आप अगर कुछ छोटी बातों पर कार्य करना शुरू करें, आपकी सफलता निश्चित है| क्या हैं ये सूत्र? 1. एक अच्छे श्रोता बनें और सामने वाले व्यक्ति को अपनी बात कहने का पूरा मौका दें। उन्हें रोके या टोकें नहीं। जब वो अपने भाव व्यक्त करेंगे और आप सिर्फ सुनेंगे, आप पाएंगे की उनका आत्मविश्वास और आपका संयम, दोनों में बढ़ोत्तरी हो रही ह

अच्छी आदतों से लक्ष्य प्राप्ति -

 समय के साथ साथ इंसान को अपनी आदते भी बदल देनी चाहिए।  रोज़ सुबह पैदल चलने की आदत अच्छी है। इससे मूड अच्छा होगा।  हमेशा एक्टिव बने रहे ,कार्य के बीच थोड़ी थोड़ी देर बाद ज़रा इधर उधर घुमा करे। ठण्ड के दिनों मे घर पर ही जॉगिंग ,एक्सरसाइज ,योग करे। कभी शांत मन से बैठ कर आत्म विश्लेषण करे।  अगर आप गाड़ी से कहीं जा रहे हो तो गाड़ी को दूर जाकर पार्क करे।  रोज़ नहाने के पहले अपने बॉडी को स्ट्रेच करे। दोस्तों के साथ घूमे ,हसीं मज़ाक करे,जिससे आपको ख़ुशी मिलेगी। अपनी सोच पॉजिटिव रखे।  आपको अपने सोचने के तरीके को बदलना होगा। समस्या पर ध्यान न देकर उसके सलूशन पर ध्यान दे।  माइंड गेम्स खेले , बड़े सपने देखे। रोज़ प्राणायाम कम या अधिक समय के लिए करे। दुनिया को खुली नज़र से देखे।  हम जो खाएंगे वही महसूस करते है। इसलिए सही चीज़े खाये। जवान,सुन्दर और चुस्त दुरुस्त  रहने के लिए ६ चीज़े अपने भोजन मे शामिल करे  - आवला , दही ,पपीता ,मूंगफली,संतरा और गाय का देसी घी।  दुखो का सामना करे। जब आपको सफलता मिली थी ,तब के बारे मे सोचे।  अपने बेकार की चीज़ो को खतम करे ,काम न आने वाली चीज़ो को हटा दे। एक प्लान या उद्देश

एक बात बताओ -

 पहले तो हम लोगो की ज़िंदगी मे कितनी सारी कमिया थी , और अब दुनिया भर की सुख सुविधाएं है फिर भी हम लोग वो पुराने दिनों को  क्यों  याद करते है ?  क्योकि --- आज भी सावन वही है , वही है बारिश का पानी हम ही भूल गए हैं, कागज की कश्ती बनानी । तब कमियां थीं,पर आपसी प्रेम ,सामंजस्य लगाव था जो एक दूसरे को बांधे रखता था...आज हर कोई self centerd सा हो गया है।  कमियां संसाधनों की थीं और अन्य कुछ नहीं ।तब हमारी आकांक्षाएं भी संसाधनों के अनुरूप थीं। यदि आकांक्षा की उड़ान ऊंची भी होती थी तो भी पैर जमीन पर रहे। अब प्रत्येक वस्तु को मूल्य के अनुसार तुलना की जाती है।इस समय की सबसे बड़ी आवश्यकता जमीन पर पैर टिकाने की है ।जो ये कर पा रहे हैं,  वो  अब भी प्रसन्न हैं।हम सभी क ई  बातों में बहुत किस्मत वाले हैं। उस जमाने के चलन में लड़कियों का पढ़ना शादी तक ही था चाहे शादी उसके कारण हो जाएं या शादी के कारण पढ़ाई ठप हो जाए ।हम लोग इससे अलग कुछ करने को स्वतंत्र रहे। कम से कम शादी के बारे में पूछा गया।वैसे हमारा मानना है कि मां पिताजी अपने बच्चों के लिए सर्वश्रेष्ठ चुनाव करते हैं।अभी के बच्चों मेँ उस स

हम क्या सोचते है -

हमारा चरित्र हमारे विचारो का दर्पण है। विचारो की शक्ति महान है। मनुष्य स्वयं का निर्माता है। विचारो का मुल कर्म है। हम अच्छे बुरे इंसान अपने विचारो से बनते है। हम अपने भाग्य के रचयिता खुद है। आत्मविश्लेषण और अनुभव से हम बेहतर इंसान बन सकते है। परिस्थितिया विचारो से उत्पन्न होती है। बुरी परिस्थिति के बारे मे हम सोच सोच कर खराब परिस्थिति हम खुद निर्माण कर देते है। दृण निश्चय से हम परिस्थिति बदल सकते है।  आलसी होने के कारण हम असफल होते है। कटु विचार को निकल दे। अच्छे विचार और कर्म कभी भी बुरे परिणाम नहीं देगा। जब हम शिकायत करना बंद कर देते है तो ये विचार हमारी आदत मे बदल जाती है। आलसी विचार गरीबी का रूप ले लेती है। हम अपने विचारो को चुन सकते है।  नकारात्मक विचारो को त्यागने से संपूर्ण ब्रह्माण्ड हमारी सहायता करने लगता है। 

क्यों हम याद नहीं रख पाते?

 दिमाक के कुछ नियम होते है। एक्सरसाइज दिमाक की ताकत को बराता है। इससे ऑक्सीजन लेवल बरता है। सप्ताह मे २ बार एरोबिक एक्सरसाइज ज़रूर करना चाहिए। इससे याददाश्त अधिक हो  जाती है। ये तनाव  को रोकता है।  कोई भी २ लोगो के पास एक जैसा दिमाक नहीं होता है , यहां तक की जुड़वाँ बच्चो के भी।  हमारी संस्कृति का  भी याददाश्त मे प्रभाव पड़ता है।  दिमाक बहुत से काम एक साथ नहीं कर सकता है। एक के बाद एक चीज़ दिमाक समझता है।  किसी बात को शुरुवात से ही याद रखना होगा। दोहराना ज़रूरी है। किसी घटना को याद रखने के लिए उससे सम्बन्धित बातो को विस्तार से याद रखना होग।  टीचर अपने स्टूडेंट्स से पुरानी बाते निकलवाये तो भी याद रहेगा।  लॉन्ग टर्म मेमोरी के लिए नई बात भी शामिल करे और दोहराये।  सोते समय दिमाक के न्यूरॉन हरकत करते है। दोपहर मे झपकी लेना ज़रूरी है। दिमाक दोपहर को ३ बजे झपकी लेना चाहता है। कम से कम २६ मिनिट झपकी लेने से स्ट्रेस निकल जाती है और यादाश्त मजबूत होती है।  भावनाओ का तनाव भी दिमाक पर असर देता है। इससे इम्यून सिस्टम को नुकसान पहुँचता है। अगर घर और ऑफिस या स्कूल मे दोनों जगह तनाव है तो उसका अ

3 Wonderful Law of Attraction Techniques जो आपको सब कुछ दिला सकती है by...